यूपी में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से अखिलेश-जयंत और मायावती की दूरी, राजभर पर जमीं नजर

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लखनऊ: अब इसे कांग्रेस की कुंडली में कोई दोष कहें सियासी दोस्तों का दांव. क्योंकि, ये तो कांग्रेस ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि, भारत जोड़ों यात्रा की कवायद में वो उस विपक्षी कुनबे को ही नहीं जोड़ पाएगा, जो 2024 के लिए एकजुटता की कसमें खा रहा था…बिहार की बदली हुई बिसात पर भी विपक्ष ने बंद मुट्ठी से कहा था कि, हम लड़ेंगे मोदी (PM MODI) के खिलाफ…बिहार में नीतीश कुमार (NITISH KUMAR) के बीजेपी से अलग होने के बाद विपक्ष ने कैसे 2024 में एकजुट होने की कसमें खाई थीं. खुद अखिलेश यादव (AKHILESH YADAV) ने भी कहा था कि, हमको एक होना होगा।

राहुल से यूपी में दूरी, डर या मजबूरी?
दरअसल, राहुल गांधी (RAHUL GANDHI) यूपी में नए साल से अपनी भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करेंगे…3 जनवरी से चलने वाली ये यात्रा 3 दिनों तक प्रदेश की परिधी में रहेंगी…इसी के चलते अखिलेश (AKHILESH YADAV), जयंत (JAYANT CHAUDHARY) , मायावती (MAYAWATI) और राजभर (OP RAJBHAR) सरीखे नेताओं को भी यात्रा के इस कारवां में लाने की कोशिश कांग्रेस की ओर से की गई है…सलमान खुर्शीद (SALMAN KHURSHEED) और नसीमुद्दीन सिद्दीकी (NASIMUDDIN SIDDIQUE) ने बताया कि, इन दलों को निमंत्रण  दिया जाएगा और दिया भी गया है।

अखिलेश-जयंत और मायावती का इनकार
लेकिन उत्तर प्रदेश की परिधी में पहुंचने से पहले ही तमाम विपक्षी दलों ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से कन्नी काट ली है…अखिलेश यादव तो सवाल के जवाब देने में भी नाराज नजर आए…कल उन्होने सवाल पूछने वाले पत्रकार से ही पूछ लिया कि, क्या तुम्हारे पासे कोई न्योता है.वहीं गुरुवार को भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तो अखिलेश यादव ने ये भी कह दिया कि, हमारे लिए तो बीजेपी-कांग्रेस एक ही हैं…।

जयंत की भी ना
भाजपा विरोध के नाम पर, विपक्ष को भारत जोड़ो यात्रा में लाने की कवायद यूपी में सफल होती नहीं दिख रही…अखिलेश यादव के साथी जयंत चौधरी खेमे से भी व्यस्तता को वजह बताया गया है…हालांकि, जयंत की ‘ना’ के पीछे अखिलेश यादव की ‘ना’ ही मानी जा रही है ।

मायावती का आना मुश्किल, राजभर पर नजर
मंच भले की काग्रेस का हो, लेकिन अखिलेश यादव के साथ अब मायावती का आना मुमकिन ही नहीं है, ऐसे में मायावती की भी ना ही है…अब तो बस राजभर पर ही नजर है….सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि, हां सलमान खुर्शीद का फोन आय़ा था. हम 30 तारीख को पार्टी की बैठक के बाद ये फैसला करेंगे ।

ऐसे कैसे एक जुट होगा विपक्ष?

ये सोलह आने सच है कि, यूपी से होकर ही गुजरता है दिल्ली का रास्ता…लेकिन कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए जाने वाली राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के लिए कठिन दिख रहा है यूपी की डगर…सवाल ये है कि, क्या यूपी है यात्रा की असली कसौटी, 2024 से पहले विपक्ष की एकजुटता ही है बड़ी चुनौती…क्या 2024 में ऐसे ही एकजुट होगा विपक्ष?

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