बुलंदशहर :  प्रदूषण में फिरोजाबाद, कानपुर जैसे बड़े शहरों से भी आगे

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बुलंदशहर : दिवाली के बाद जिले बुलंदशहर की हवा और अधिक जहरीली हो गई है जिससे आंखों में जलन होने लगी है. जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) भी 400 के करीब पहुंच गया. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हवा की गति धीमी रहने और आतिशबाजी अधिक होने से वायु प्रदूषण में इजाफा हो रहा है. जिले की हवा सांस के लिए खतरनाक स्तर पर पहुंच गई.

3 नवंबर तक कोई राहत

जिले में हवा की गुणवत्ता गत माह से खराब हो रही है. इसका बड़ा कारण हवा की गति का धीमा रहना है. वहीं, दिवाली पर जमकर आतिशबाजी छोड़े जाने से हर क्षेत्र में सड़कों पर धुंआ फैला रहा. इससे जनपद का वायु प्रदूषण बढ़ गया, जनपदभर में हर कहीं आसमान में स्मॉग/धुंध ही दिखाई दिया. प्रदूषण नियंत्रण विभाग की हवा की शुद्धता जांच रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को जनपद का एक्यूआई 381 मापा गया. जिससे आम नागरिक समेत मरीजों को स्वच्छ सांस लेने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा.

मास्क लगाकर बाहर निकलें

पर्यावरण विद् ने स्मॉग/धुंध से बचाव के लिए पौधरोपण करने और कूड़ा-कचरा आदि न जलाने की अपील की. साथ ही जरुरी काम के लिए ही बाहर निकलने की सलाह दी है. बता दें. वायु प्रदूषण मापने के आठ मानक प्रदूषण तत्व पीएम 2.5, पीएम 10, कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन, सल्फर डाईऑक्साइड, एल्युमिनियम व लेड होते हैं. प्रदूषण अफसरों के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण पीएम 2.5 और पीएम 10 ही होते हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) मापते समय पीएम 2.5, पीएम 10 और किसी एक अन्य मानक को शामिल किया जाता है.

 

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