मध्यस्था कमेटी की इस मांग पर 3 महीने टली अयोध्या मामले की सुनवाई…

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नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए समय-सीमा को बढ़ाते हुए मध्यस्थता समिति को 15 अगस्त तक का समय दिया है. अदालत ने कहा कि समिति के सदस्य मध्यस्थता प्रक्रिया में किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं कर रहे.

अदालत ने पाया कि समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एफ.एम.आई. कलीफुल्ला ने अब तक मध्यस्थता प्रक्रिया में प्रगति का संकेत दिया है और कार्य को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है. अदालत ने मध्यस्थता प्रयासों पर विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया.

प्रगति के सवाल पर वकील ने दिया जवाब
मध्यस्थता के संबंध में एक वकील के प्रश्न के जवाब में अदालत ने कहा, “हम आपको नहीं बताएंगे कि क्या प्रगति हुई है, यह गोपनीय है. ” मध्यस्थता प्रयासों पर एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अदालत ने यह फैसला लिया.

कोर्ट की कर सकाता है फैसला
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी सत्येंद्र दास ने कहा है कि मध्यस्थता टीम ने सर्वोच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट सौंपी है और अब अदालत इस मामले में फैसला करेगी. स्वामी ने कहा, “मध्यस्थता टीम ने सभी पक्षों से बात की है और एक निष्कर्ष पर पहुंची है और अदालत को रिपोर्ट सौंपी है. अब अदालत इस मामले पर फैसला करेगी.”

अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए अदालत द्वारा मध्यस्थता समिति को 15 अगस्त तक का समय दिए जाने के फौरन बाद स्वामी सत्येंद्र दास ने यह टिप्पणी की. अदालत ने पाया कि समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एफ.एम.आई. कलीफुल्ला ने अब तक मध्यस्थता प्रक्रिया में प्रगति का संकेत दिया है और कार्य को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है.

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