लखनऊ: सूबे के करीब 70 लाख युवाओं के लिए ये वो खबर है जो कई साल बाद मुस्कुराने का मौका दे सकती है. दरअसल, अखिलेश यादव की सरकार के समय उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में निकली भर्ती में आवेदन करने वालों के लिए खुशखबरी ये है कि, सरकार अब उनका आवेदन शुल्क वापस करेगी. इसके लिए आदेश भी जारी हो गया है.
कब निकली थी ये भर्ती ?
बता दें कि, साल 2011 में मायावती सरकार में परिषदीय स्कूलों में 72825 पदो के लिए भर्ती निकली थीं. 30 नवंबर 2011 को टीईटी मेरिट के आधार पर चयन का शासनादेश भी जारी हुआ था. लेकिन चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही यूपी में सरकार बदल गई. तब तत्कालीन अखिलेश सरकार में 5 दिसंबर 2012 को नया शासनादेश जारी हुआ. जिसमें अकेडमिक मेरिट के आधार पर चयन के लिए बीएड-टीईटी अभ्यर्थियों के आवेदन मांगे गए. इस निर्णय के खिलाफ मामला अदालत पहुंचा था.
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यहां करें आवेदन तो मिलेगा पैसा वापस
शासनादेश के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने 5 दिसंबर 2012 के तहत आवदन किए थे. वह अपने शुल्क वापसी की रशीद डायट यानि, जिला शिक्षा संस्थान से ले सकते हैं.
शुल्क वापसी को क्या-क्या प्रमाण देने होंगे ?
शुल्क की वापसी के लिए आवेदन पत्र की फोटो कॉपी और बैंक चालान की पोटो कॉपी देनी होगी इसके अलावा बैंक का खाता और IFC कोड के अलावा मोबाइल नंबर भी देना होगा.
कितना-कितना शुल्क लिया गया था?
72825 पदों की उस भर्ती में करीब 69 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इतना ही नहीं एक-एक अभयर्थी ने 30 से 40 जिलों में फॉर्म भरे थे. इसके लिए सामान्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 और SC/ST के अभ्यर्थियों से 200 रुपए का शुल्क लिया गया था.