सलमानी समाज के सामने रोटी का संकट

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बुलंदशहर : सलमानी समाज के लोग बेहद मुफ़लिसी और गरीबी के हालातों का सामना कर रहे हैं. तकरीबन साढ़े 3 महीने से इस समाज का जो कारोबार है वह पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. जिस तरह लगातार सरकार ने हर एक गरीब तबके के लोगों को और वायापरियों की मदद करते हुए सभी बाजारों को पूरी तरह से खोल दिया गया वैसे ही सलमानी समाज भी सरकार और प्रशासन से मदद की उम्मीद रखते हुए गुहार लगा रहा है इनको सरकार की गाइडलाइंस देते हुए सैलून खोलने की अनुमति दी जाए ताकि यह लोग भी अपने परिवार का गुज़ारा कर पाए.

शासन से लगा रहे गुहार

सभी का कहना है कि काफी गरीबी और मुफ़लिसी के हालातों से जूझते हुए परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं क्योंकि एक लंबा समय हो चुका है इसलिए अब लोग उधार देने में भी बच रहे हैं. जिसके चलते कहीं ना कहीं यह समाज पूरी तरह से टूट गया है और अब प्रशासन शासन से गुहार लगा रहा है. आपको बाता दे जनपद बुलंदशहर में तकरीबन 10000 सलमानी समाज के लोग हैं. जिनका कारोबार सैलून में काम करके या खुद के सैलून चलाते हुए होता है. फिलहाल यह समाज लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहा है के इनको इनके सैलून खोलने की अनुमति दी जाए जिस तरह वेस्ट यूपी के सभी शहरों में सरकार की दी हुई गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए सैलून खोले गए हैं.

सैलून नहीं खुले तो भीख का कटोरा होगा

यह लोग भी प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं लेकिन प्रशासन इनकी बातों को अनसुना कर रहा है और सिर्फ आश्वासन ही आश्वासन इन लोगों को दिया जा रहा है. सभी का कहना है कि यदि जल्द से जल्द हमारे सैलून नहीं खोले गए तो वह दिन दूर नहीं है जब हमारे हाथ में कैची और उस्तरे के बजाएं भीख का कटोरा आ जाएगा

अपना उत्तर प्रदेश के लिए बुलंदशहर से वरिष्ठ संवाददाता समीर अली की रिपोर्ट

 

 

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