बदल गया बुलंदशहर का नाम, अब कहलाएगा ‘बर्बादशहर’!

अपना बुलंदशहर

बुलंदशहर: दिवाली में हुई आतीशबाजी के बाद से जिले का प्रदूषण इस कदर बढ़ा है कि यहां की जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं. लिहाजा स्थानीय लोगों ने इसका नाम बदलकर ‘बर्बादशहर’ रख दिया है. दीपावली में पटाखों के बाद अब जिलेभर में खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है. जिससे जहरीली हवा निकल रही है. बावजूद इसके ना तो पुलिस कोई कार्रवाई कर रही और ना ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है.

सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल बुलंदशहर
दिवाली के बाद एक्यूआई अधिक होने से बुलंदशहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो गया है.  शनिवार को बुलंदशहर का एक्यूआई 440 और पीएम 2.5 करीब 380 मापा गया.  ये प्रदूषण दिवाली की आतिशबाजी और लगातार कूड़ा और पराली जलाने के धुंए से वातावरण में प्रदूषण का स्तर घटने की जगह से बढ़ रहा है. फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के साथ बुलंदशहर का एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया.

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बुलंदशहर के आसमान में स्मॉग
सुबह के समय अब आसमान में स्मॉग की चादर फैली रही. ऐसी ही स्थिति नोएडा और हापुड़ की भी रहीं है.  सूचकांक में गिरावट होने के बावजूद स्थिति अभी भी खतरनाक बनी हुई है. बावजूद इसके अफसर और लोग इसमें सुधार लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. वातावरण में सल्फर डाई ऑक्साइड और कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा लगातार बढ़ना, पर्यावरण को ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी काफी नुकसानदेह है. क्योंकि दोनों ही गैसों की अधिकता वातावरण को नुकसान पहुंचाती है.

सांस के रोगी करें बचाव
प्रदूषण के दौरान लोगों को सांस लेने में परेशानी होने के साथ आंखों में जलन होने के साथ संक्रमण का खतरा बना रहता है. स्मॉग के कारण सांस के मरीजों की परेशानी काफी बढ़ जाती है. कूड़ा जलाने के कारण वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है और छोटे-छोटे कण सांस के साथ अंदर चले जाते हैं. जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। सांस के मरीजों को कपड़ा से मुंह ढककर रहना चाहिए.

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